Tuesday, September 18, 2018

केजरी ऑन सोफा प्रोटेस्ट


केजरी लेटा सोफा पर
पाव पूरे पसराये
ऎसी चले धपक धपक
दिल्ली आंसू बहाये
काम करे न काज करे
मंत्री मंडल वही पसरे
दिल्ली मैं जो काम पड़ा हैं
वोह अपनी किस्मत रोये
मोदी मोदी नाम जपत हैं
केजरी सुध बुध खोय
मति फिरी जो वोट दिया
अब झाड़ू पर हैं सोये
पांच साल विकराल बड़े
नौटंकी मैं खोये
हर सुबह दिल्ली सहमी
ट्विटर का मुँह ताके
कौन नहीं फुलझरिया लेके
केजरी पूरा दिन साधे
केजरी दरबार मैं
भूत भरे हैं भारी
एक एक कर निकल रहे
नौटँकी हैं चालू
फिर केजरी बैठा सोफे पर
वादे दिए लटकाये
जाको जितनो चाहिए
वाई फाई साथ मैं लाये
डाउनलोड करलो उनको
फोल्डर रख सजाओं
पूरे होते कुछ नहीं
जंक ही डिजिटल बना
केजरी दरबार मैं
भूत भरे हैं भारी
तर्कों पर कुतर्क छोड़कर
करते नौटँकी सारी
सुन साधो बिन मांगी
सीख दिए कबीरा
काम काज कछु कर ले मोड़ा
दिन बहुरेंगे थोडा
लटकी झाड़ू पेड़ से
सीक सीक छितराये
एक एक ले जाओ घर पे
वाई फाई चल जाये
झाड़ू वाला लेकर बैठा
तिनके उसके खोले
एक एक तिनका देकर
देखो क्या क्या बोले
मुझसे कपटी धूर्त कोई ना
में सबका मामा हूँ
झूठ बोलना मेरा पेशा
में झूठ की खाला हूँ
नई राजनीति का नारा
में पेड़ पर चढ़कर बोला
बच्चो की कसमो को मैंने
चना समझ कर तोड़ा
झूठ बोलने में नही हैं
मेरा ब्रह्मांड में जोड़
ठग्गू के लड्डू भी
मेरे सामने गोल
झूठो की बारिश मुझको
लगती बहुत हैं प्यारी
हर बार के झूठ से
बढ़ती चंदे की थाली
मेरे झूठ की चादर बिछी हैं
शामियाना तना हैं बुलंद
किलबिलाती मेरे अंदर
माफी मांगने की हूक
अब माफी का फ़र्रा लेके
में बैठा चोराहे
जिसको जितनी चाहिये
थोक में वो ले जाये
यह सारी नौटंकी मेरी
नई नोटंकी का आगाज़
आगे आगे देखिये
मेरी पेशकश खास
नया पैंतरा मैंने सीखा
बेच के अपनी साख
मुझसे बड़ा न कोई ढ़ोंगी
गांठ बाँधलो ये बात



17 जुलाई 2018

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