Tuesday, September 18, 2018

यशवंत उवाच - काशी दर्शन

आजकल काशी को लेके, लोगो मैं बहुत से सवाल उठते हैं। खासकर पत्रकार जगत के भाई भोजाई मैं बहुत उमंग तरंगे मार रही हैं।

एक हमारे यशवंत देशमुख जी हैं जो बनारस के हैं। उन्होंने काशी के लोग इस उमंग को कैसे देखते हैं उसका सारांश अपने ट्वीट्स मैं दिया हैं।

उनकी आज्ञा लेके उनकी ट्वीट्स को करबद्ध करके आपलोगों की सेवा मैं प्रस्तुत कर रहा हूँ।
जय गुरु यशवंत की, जय बाबा विश्वनाथ की। 

बुरा न मानो होली हैं।

गुरूजी उवाच

बनारस से बहुत सारे चैनलों ने बहुत सारे इंटरव्यू किये । लेकिन बनारसियों के बेढब बयानबाजी के चलते बहुत सारी एडिटिंग भी करनी पड़ी । 

कुछ नमूने :

सवाल- आपका नाम?
जवाब- तोसे मतलब? नाम जान के आपन बाप के जमीन जायदाद हमरे नाम करबा का?

सवाल- आप करते क्या हैं?
जवाब- उ कविता सुनले हउवा- 
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम....
और बनारसी काम करे लगी त हो जाई भइया झाम

सवाल- गलियों में इतनी गन्दगी क्यों है?
जवाब- देखा बनारसी आदमी क मानना हौ कि गल्ली गन्दा रहे चली...ई मीडिया के तरह दिमाग में नाहीं ।

सवाल- बनारस में लोग इतना पान क्यों खाते हैं?
जवाब- भो*** के, कोई तू लोग से पूछे कि साँस काहे लेते हो तो जवाब का देबा?

सवाल- बनारस के जाम के बारे में आपको क्या कहना है?
जवाब- इ तोहरे जैसन अंड बंड लोग जब न तब... मुँह उठा के बनारस चल आवलन त जाम न लगी त का होई?

सवाल- मोदी को वोट देंगे या अखिलेश को?
जवाब- आपन लं* के देब । तू लेबा ??

सवाल- बड़े बड़े लोग बनारस आ रहे हैं आपको कैसा लगता है?
जवाब- भो*** के सब बड़ा होइयन अपने गां* में.... बनारस में सब झां* बराबर हउवन ।

सवाल- आप कौन सा न्यूज़ चैनल देखते हैं
जवाब- हम शकल से बौड़हा लागिला? हियँ पंचा लपेट के बबवा क चिलम सूतइ के बाद हम खुद्दे बीबीसी हईं  ।

सवाल- बनारस क्या है?
जवाब- बोलना क त बहुत हौ बाकि एक त बनारस के समझे क तोहार औकात नाहीं हौ और दूसरा पान जमल हौ...
जाए द मर्दे !

सवाल - आप मोदी से क्या कहना चाहते हैं ?
जवाब - हर हर महादेव

सवाल - और अखिलेश से ?
जवाब - हर हर महादेव

सवाल - और..
जवाब -  भाग भो*** के...

उवाच समाप्त।


6 मार्च 2017

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