Tuesday, September 18, 2018

महागठबंधन पर छोटी टिप्पणी

अगर सारी राजनेतिक पार्टियां भाजपा हटाओ के नारे तले एक जुट होती हैं तो एक प्रश्न मन में उभरता हैं की अगर कही वो सब यह करने के बाद भी हार गए तो उनके अस्तित्व का क्या होगा।

अगर अलग अलग लड़ते हैं तो कुछ अस्तित्व बना रहेगा और यह छलावा भी रहेगा की अगर एक हो के लड़ते तो जीतते ?

19 मार्च 2018

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