Tuesday, September 18, 2018

कौरव दल का दिव्यस्वप्न

इस कलियुग में कौरव दल को ।
नई सद्बुद्धि आईं ।।

पांडव दल का चोला पहनेंगे ।
सोच बड़ा इतराये।।

भोज खिलाया बोझों को ।
सब्ज़बाग दिखलाये ।।
सारे राजवाड़े जमा हुये ।
गाजे बाजे बजवाये ।।

फिर अपने दरबार से ।
कर दिया ऐलान ।।
मेरे पास दिव्यस्वप्न हैं ।
बोल बोल बौराये ।।




19 मार्च 2018

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