इस कलियुग में कौरव दल को ।
नई सद्बुद्धि आईं ।।
नई सद्बुद्धि आईं ।।
पांडव दल का चोला पहनेंगे ।
सोच बड़ा इतराये।।
भोज खिलाया बोझों को ।
सब्ज़बाग दिखलाये ।।
सब्ज़बाग दिखलाये ।।
सारे राजवाड़े जमा हुये ।
गाजे बाजे बजवाये ।।
गाजे बाजे बजवाये ।।
फिर अपने दरबार से ।
कर दिया ऐलान ।।
कर दिया ऐलान ।।
मेरे पास दिव्यस्वप्न हैं ।
बोल बोल बौराये ।।
बोल बोल बौराये ।।
19 मार्च 2018
No comments:
Post a Comment