अंधियारे में छुपा हुआ है सूर्य
पर सूरज गया नही है
अँधियारा अमर हो
ऐसा हुआ नही हैं
हर कुछ वर्षों में
क्यो वो भिक्षु बन जाता हैं
कही हर बार मदद मिलने से
उसका हाथ उठ जाता हैं
कई वर्गो के कर्म
बनते और बिगड़ते हैं
पर हर कोई तो सड़कों
पर नही उतरते हैं
कुछ रंग भीड़ के
क्यों जाने पहचाने लगते हैं
किसी का मतलब सध जाने पे
अनजाने से लगते हैं
कुछ रेवड़ी आज मिली
तो क्या कल सुन्दर होगा
अगर हकीकत न बदली तो
फिर से वो सड़क पर होगा
हैं ऐसी आशा मुझको की
कल सुहाना होगा
रात थोड़ी लंबी हैं
पर इसको बदलना होगा
पर सूरज गया नही है
अँधियारा अमर हो
ऐसा हुआ नही हैं
हर कुछ वर्षों में
क्यो वो भिक्षु बन जाता हैं
कही हर बार मदद मिलने से
उसका हाथ उठ जाता हैं
कई वर्गो के कर्म
बनते और बिगड़ते हैं
पर हर कोई तो सड़कों
पर नही उतरते हैं
कुछ रंग भीड़ के
क्यों जाने पहचाने लगते हैं
किसी का मतलब सध जाने पे
अनजाने से लगते हैं
कुछ रेवड़ी आज मिली
तो क्या कल सुन्दर होगा
अगर हकीकत न बदली तो
फिर से वो सड़क पर होगा
हैं ऐसी आशा मुझको की
कल सुहाना होगा
रात थोड़ी लंबी हैं
पर इसको बदलना होगा
अपने जीवन में मैंने
कई आंधिया देखी हैं
आंधियो के बाद रेत
फैलती देखी हैं
बदलावों के पड़ाव
आंधियो से नही आते
बस छड़ भर मैं सब बदलने
वाले लोग नही देखे
जब अकस्मात् से
कई भंवर बन जाते हैं
चक्रव्यूह के चक्र
धरा पे रच जाते हैं
अर्जुन या अभिमन्यु क्या
बनना हैं बोलो
अभिमन्यु बनकर तो
बस तुमको वीर होना हैं
लक्ष्य अगर तेरा
चक्रव्यूह का मर्दन हैं
कोई उपाय नही केवल
तुझको अर्जुन होना हैं
कई आंधिया देखी हैं
आंधियो के बाद रेत
फैलती देखी हैं
बदलावों के पड़ाव
आंधियो से नही आते
बस छड़ भर मैं सब बदलने
वाले लोग नही देखे
जब अकस्मात् से
कई भंवर बन जाते हैं
चक्रव्यूह के चक्र
धरा पे रच जाते हैं
अर्जुन या अभिमन्यु क्या
बनना हैं बोलो
अभिमन्यु बनकर तो
बस तुमको वीर होना हैं
लक्ष्य अगर तेरा
चक्रव्यूह का मर्दन हैं
कोई उपाय नही केवल
तुझको अर्जुन होना हैं
12 मार्च 2018
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