गिद्धों के गिरोह के मुखिया और मुखियेने जब चार दिन में चालीस सेकण्ड्स की कोई बात अकस्मात कर देते हैं तो गिद्ध गिरोह के समर्थक चालीस दिन तक चहुँओर चिचाहते रहते हैं।
यही जब गरुण दल के मुखिया गलती से कुछ गलत बोल दे तो गिद्ध तो टूट पड़ते ही हैं गरुण दल के समर्थक ही मुखिया पर पिलपड़ते हैं।
गरुणेश की बातों का पोस्टमार्टम रोज अनवरत रूप से चलता है, इससे पहले के मुखियाओं पर नजरें इनायत करे तो पता चलेगा जो बोल नही सकते वो अति वाचाल देश पर थोपे गये।
25 मई 2018
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