Tuesday, September 18, 2018

फ़तवे का फ़

हर फ़तवे का फ़ निकाल के


बैठा दो उसपे फ़तवे बाज़ को

जला दो आग जहन्नम सी

सीके तशरीफ़ ज़ालिम की


गुनाह इतना की तरन्नुम की तान 


छेड़ी नाहिद ने

बजा के ढोल बड़े आवाज के

दबा दो बाग़ फ़तवे बाज की



16 March 2016

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