Black money has negative connotations, I consider it racist: Congress leader Anand Sharma in Rajya Sabha #noteban
काला धन को काला धन बोलना जातिवादी हैं और काले धन का उपयोग करने वाले एक विशेष जाति के हैं। यह जाति, स्याह-धन-जाति के नाम से जानी जायेगी। शीघ्र ही इस जाति के लोगो को संविधान में परिवर्तन करके, आरक्षण का दर्जा दिया जायेगा।
काले धन का नया नामकरण स्याह-धन होगा, इस धन का होना मौलिक अधिकार होगा, जन्मसिद्ध अधिकार होगा, इस धन के स्वामी और स्वामिनी के विरूद्ध की गयी कोई भी कार्यवाही, मौलिक अधिकारों का विशेषाधिकार हनन मानी जायेगी।
इस धन के प्रति द्वेष रखने वालों को आप किसी भी संज्ञात्मक शब्दो से संबोधित कर सकते हैं। यह धन परम धन हैं, सर्वगुण संपन्न हैं, निरुपम हैं, आनंदित हैं, मुलायम चारित्रम हैं, माया युक्त हैं, लाल रूप हैं, ये चूर्ण हैं, सबल सिब्बल हैं, पिताम्बरम हैं, अर्विन्दम, शारदीयम, ममता युक्त, करुणा-यम, रा-हूँ-ल्म हैं।
इस धन की महिमा के गुणगान और स्तुति-गान संसद में भिन्न विभिन्न प्रकारों से किये गये, कल तक इसे मानवता विध्वंसक, विकास ध्वंसक, की संज्ञा और परिभाषा से अलंकृत करने वाले आज इसकी प्रशंसा के यक्ष गान करने में निपुण हो गए हैं।
जब जब इस धन के विनाश को सुनिश्चित करने का महा यज्ञ शुरू होगा, तब तब इस भस्मासुर के बचाव मैं नित नए नवेले बुधिसुप्त महानु-प्यादू , हवाईज्ञानू धरती पर अविरल प्रकट होते रहेंगे।
जनता जनार्धन से आशा है की आपकी आड़ लेकर गड़े जा रहे कुतर्कों को कुचल दे और इन तमाम माननीयो से भ्रस्टाचार और काले धन के विरुद्ध बात करने का मौलिक अधिकार छीन ले।
17 नवंबर 2016
No comments:
Post a Comment