Monday, September 24, 2018

जीवन चक्र 

जीवन चक्र 

सूर्य जब उदय हुआ 

जीवन सक्रीय हो उठा 

सूर्य जब अस्त हुआ 

जीवन निष्क्रिय हो गया 

उदय अस्त के इस क्रम में 

जीवन का सब सार छुपा 

पाप पुर्ण की व्यथा छुपी 

धर्म -अधर्म का मार्ग छुपा

समझो तो यही स्वर्ग हैं 

समझो तो यही नर्क हैं 

कर्मों की कहानी मैं 

जीवन का सारांश छुपा 

कथा कर्म की इतनी हैं 

सुख दुख सी यह अपनी हैं 

अपने कर्मों की करनी 

इस जीवन ही मैं भरनी हैं 

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