दीपावली, दिवाली, दीपोत्सव, कई नाम हैं अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले पर्व के।
ॐ असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
इसके मायने हैं
हे माता ! हे प्रभु !
हम को असत्य से बचा कर सत्य का मार्ग दिखा !
हमारे अन्दर के अन्धकार और अज्ञानता को मिटा कर ज्योति और सच्चा ज्ञान प्रदान करो !
हम को ऐसे शुभ कर्म करने में समर्थ बना की हमारे संसार से जाने के बाद भी लोग इन कर्मो का फल सदियों तक लेते रहे। यही अमरता है (मेरे लिये ) !
हम को असत्य से बचा कर सत्य का मार्ग दिखा !
हमारे अन्दर के अन्धकार और अज्ञानता को मिटा कर ज्योति और सच्चा ज्ञान प्रदान करो !
हम को ऐसे शुभ कर्म करने में समर्थ बना की हमारे संसार से जाने के बाद भी लोग इन कर्मो का फल सदियों तक लेते रहे। यही अमरता है (मेरे लिये ) !
आशा करता हूँ और परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना, आग्रह और आकांशा करता हूँ की इस दिवाली और आने वाले दिन आपकी आकांक्षाओ को परिपूर्ण करेंगे और जीवन में शांति लाएंगे।
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
29 अक्टूबर 2016
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