ये जो वक्त हैं बड़ा अजीब हैं
जब दिल का हो तो कम पड़ता हैं
जब इंतेजार हो तो
भारी पड़ता हैं
इस इन्तेजार की भी
अलग कहानी हैं
किसी का करना हो तो
हर पल बड़ा हो जाता हैं
जब किसी को करवाना हो तो
इसका मोल ही नहीं होता
ये इन्तेजार भी लंबा हो रहा हैं
कितना लंबा पता नही
कुछ पल मिल भी जाये तो क्या
कुछ हो भी जाये तो क्या
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