Monday, August 2, 2021

बेचैन अधूरापन

दिल बस में नही
बेचैन हैं
चाह रहा हैं सब छोड़ दे
पता नही छोड़कर क्या करे
जो हैं वो क्या हैं
जो नही हैं वो क्या अपना हैं

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