वो कहते थे हमसे की बात बिना करे
दिल को सकून नही मिलता
अभी कुछ दिनों से
कुछ बोल भी नही
एक पल की गलती
एक गलत लफ्ज़
यूँ ही तोड़ देता हैं
बातों के सिलसिले
पता नही तेरा हाल क्या है
पर में तो बुझा बुझा ही रहा
लगता तो हैं तेरा हाल भी दुरुस्त न होगा
पर ये मेरा अंदाजा ही है
कुछ वक़्त पे छोड़ दे
कुछ हालातों पे
हर बार तेरे एतबार का
क़ाबिल नही हूँ मैं
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