Monday, August 2, 2021

विडंबना

मरा मच्छर तो खून बहा होगा
किस किस का पिये बैठा होगा
समाजी रहा होगा
समाज का पिया होगा

मच्छर मार के क्या खोया
क्या पाया
वो मच्छर था क्या उसका दोष था
सबका खून मिला होगा

मरे मच्छर के साथ
बहा दिया
खून समाज का ही बहा दिया

निरंकुश प्रहार हैं
प्रहसन का भार हैं

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