माना की तेरी मोहब्बत
तब एकतरफ़ा थी
पर अब बंदिशों की
गुंजाइशें कहा हैं
तू तब ठुकराए जाने के
ख़ौफ़ में था
अब तो खौफ़ की गुंजाइशें
कहा है
तू बात रख
मन में मलाल मत रख
कभी तो तेरी दरख्वास्त
मंजूर होगी
कई थे जो बस
दिल में इश्क़ को जिंदा रखते थे
तुझे तो फिर भी काफी
नजदीकियां हासिल थी
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